2695.*पूर्णिका*
2695.*पूर्णिका*
नजरिया बदल जाते हैं
212 212 22
नजरिया बदल जाते हैं ।
डगरिया बदल जाते हैं ।।
चमन की महक में बहके।
नगरिया बदल जाते हैं ।।
छाँव है धूप है देखो।
बदरिया बदल जाते हैं ।।
कारवां बस बढ़े हरदम ।
कमरिया बदल जाते हैं ।।
महल में हम रहे खेदू।
अटरिया बदल जाते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
06-11-23 सोमवार