Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2023 · 1 min read

2691.*पूर्णिका*

2691.*पूर्णिका*
मंजिल अपनी मिल गई
22 22 212
मंजिल अपनी मिल गई ।
कलियाँ सारी खिल गई ।।
देखे तरक्की सब यहाँ ।
दुनिया प्यारी खिल गई ।।
हार कभी माना नहीं ।
खुशियाँ न्यारी खिल गई ।।
साथ निभाते यार बन ।
अपनी यारी खिल गई ।।
मस्त मस्त खेदू जिंदगी ।
दुनियादारी खिल गई ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
06-11-23 सोमवार

302 Views

You may also like these posts

#स्वागतम
#स्वागतम
*प्रणय*
मैं वो नदिया नहीं हूँ
मैं वो नदिया नहीं हूँ
Saraswati Bajpai
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
" शब्द "
Dr. Kishan tandon kranti
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
Finding someone to love us in such a way is rare,
Finding someone to love us in such a way is rare,
पूर्वार्थ
चित्रगुप्त का जगत भ्रमण....!
चित्रगुप्त का जगत भ्रमण....!
VEDANTA PATEL
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
ये चुनाव का माहौल है
ये चुनाव का माहौल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
Rj Anand Prajapati
यादों में खोया हुआ हुं की तुम कभी ना कभी तो मुझे याद तो करो
यादों में खोया हुआ हुं की तुम कभी ना कभी तो मुझे याद तो करो
Iamalpu9492
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शर्माया चाँद
शर्माया चाँद
sheema anmol
उड़ान मंजिल की ओर
उड़ान मंजिल की ओर
नूरफातिमा खातून नूरी
खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
Anand Kumar
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
माँ
माँ
Usha Gupta
कर्मफल ढो रही है
कर्मफल ढो रही है
Sudhir srivastava
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
Ravi Prakash
आपके लिए
आपके लिए
Shweta Soni
विश्वास
विश्वास
कुमार अविनाश 'केसर'
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
पूर्ण विराम :
पूर्ण विराम :
sushil sarna
जिस समय से हमारा मन,
जिस समय से हमारा मन,
नेताम आर सी
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
विश्वास
विश्वास
meenu yadav
Loading...