2689.*पूर्णिका*
2689.*पूर्णिका*
रोते गाते जिंदगी
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रोते गाते जिंदगी ।
नाच नचाते जिंदगी ।।
भटके राही ना यहाँ ।
राह दिखाते जिंदगी।।
क्या क्या आज दस्तूर है ।
सोच बनाते जिंदगी।।
आजाद यहाँ ख्वाब भी ।
यूं हंसाते जिंदगी।।
देखो खेदू जानते ।
बस महकाते जिंदगी ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
06-11-23 सोमवार