संजय ने धृतराष्ट्र से कहा -
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
- रिश्तों को में तोड़ चला -
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
Why am I getting so perplexed ?
"कटेंगे तो प्रसाद में बटेंगे,
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत है।
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह