अदम्य जिजीविषा के धनी श्री राम लाल अरोड़ा जी
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
किसी का प्यार मिल जाए ज़ुदा दीदार मिल जाए
इन चरागों को अपनी आंखों में कुछ इस तरह महफूज़ रखना,
इतने दिनों के बाद
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
कुछ पल जिंदगी के उनसे भी जुड़े है।
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)