2687.*पूर्णिका*
2687.*पूर्णिका*
* बगियां बदल गई *
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बगियां बदल गई ।
कलियां बदल गई ।।
सच पाकर तुझको।
दुनिया बदल गई ।।
दिल का है सागर ।
नदियाँ बदल गई ।।
बादल गम झूमें ।
खुशियाँ बदल गई ।।
अरमाँ है खेदू ।
हस्तियाँ बदल गई ।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
05-11-23 रविवार