2685.*पूर्णिका*
2685.*पूर्णिका*
*ये दिल लगाना है *
2212 22
ये दिल लगाना है ।
अपना बनाना है ।।
यूं जिंदगी चहके।
दुनिया सजाना है ।।
बस फूल बन जाए ।
बगियां खिलाना है ।।
नवराह पर चलते ।
मंजिल दिखाना है ।।
तरक्की करें खेदू।
आगे बढ़ाना है ।।
…………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
05-11-23 रविवार