Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2023 · 1 min read

2684.*पूर्णिका*

2684.*पूर्णिका*
ये तो गलत बात है
2212 212
ये तो गलत बात है ।
रोना गलत बात है ।।
करते कहाँ काम तू ।
ढ़ाना गलत बात है ।।
बिन मेहनत के यहाँ ।
खाना गलत बात है ।।
मंजिल यहीं देख ली ।
जाना गलत बात है ।।
इंसान खेदू बने ।
ताना गलत बात है ।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
05-11-23 रविवार

249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
प्रेमदास वसु सुरेखा
सुबह हर दिन ही आता है,
सुबह हर दिन ही आता है,
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मैं अकेला ही काफी हू  जिंदगी में ।
मैं अकेला ही काफी हू जिंदगी में ।
Ashwini sharma
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
VEDANTA PATEL
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
पूर्वार्थ
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"तुम्हें कितना मैं चाहूँ , यह कैसे मैं बताऊँ ,
Neeraj kumar Soni
गांव गलियां मुस्कुराएं,
गांव गलियां मुस्कुराएं,
TAMANNA BILASPURI
एक
एक "सहेली" एक "पहेली"
विशाल शुक्ल
*लिखते खुद हरगिज नहीं, देते अपना नाम (हास्य कुंडलिया)*
*लिखते खुद हरगिज नहीं, देते अपना नाम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
Basant Bhagawan Roy
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
आप जो भी हैं।
आप जो भी हैं।
Sonam Puneet Dubey
3866.💐 *पूर्णिका* 💐
3866.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मिटते ही इंसान के,
मिटते ही इंसान के,
sushil sarna
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
VINOD CHAUHAN
छोटे-मोटे चोर, उचक्के, ठग, लुटेरे, उठाईगिरे भी बस उन्हें
छोटे-मोटे चोर, उचक्के, ठग, लुटेरे, उठाईगिरे भी बस उन्हें "फ़ॉ
*प्रणय*
मित्रता
मित्रता
Shashi Mahajan
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
है वक़्त बड़ा शातिर
है वक़्त बड़ा शातिर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...