2675.*पूर्णिका*
2675.*पूर्णिका*
खुश हूँ तुम मिले
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खुश हूँ तुम मिले।
बगियां भी खिले।।
चाहत चाह की।
रोज फतह किले।।
तुमसे प्यार है ।
ना शिकवे गिले ।।
अपनी मेहनत ।
मंजिल यूं मिले।।
ताकत खूब है ।
सिंहासन हिले।।
खेदू साथ में ।
दुनिया काफिले।।
…….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
03-11-23 शुक्रवार