2673.*पूर्णिका*
2673.*पूर्णिका*
कुछ बातें बकवास लगती है
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कुछ बातें बकवास लगती है ।
दुनिया अगर उदास लगती है ।।
कैसे कैसे लोग मिलते हैं।
बस मरने की आस लगती है ।।
करते अथक प्रयास तो हरदम ।
मंजिल ना ही पास लगती है ।।
साथ कभी कोई निभाते कब।
चलती फिरती सांस लगती है ।।
बदल जमाना आज ही खेदू ।
हास यहाँ परिहास लगती है ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
03-11-23 शुक्रवार