2668.*पूर्णिका*
2668.*पूर्णिका*
*अपना हमदम *
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अपना हमदम।
साहिल हरदम।।
रौशन दुनिया।
तारे चमचम ।।
मन भी पायल ।
बाजे छम छम ।।
चाहत राहत ।
न खुशी है गम ।।
तांडव खेदू।
डमरू डम डम ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
01-11-23 बुधवार