नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
हल्की बातों से आँखों का भर जाना
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना और दुनिया में अपने देश को सबसे
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
कर्मठ राष्ट्रवादी श्री राजेंद्र कुमार आर्य
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं