एक भगाहा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
(कविता शीर्षक) *जागृति की मशाल*
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
The thing which is there is not wanted
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
Tumhara Saath chaiye ? Zindagi Bhar
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
अब जख्म बोलता है,मैं नहीं।
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
National Energy Conservation Day
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
"जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं