2663.*पूर्णिका*
2663.*पूर्णिका*
सच भी गुनाहगार हो गए
22 1212 1212
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सच भी गुनाहगार हो गए ।
कहना न अंहकार हो गए ।।
जीता नहीं यहाँ जरा जमीं ।
आज परवरदिगार हो गए ।।
नादान सा रहा बिठा लिया।
जग में बस चमत्कार हो गए ।।
अपना समझ जिसे बना रखा ।
देखो सब नमस्कार हो गए ।।
खेदू मलिक मर्जी करें यहाँ ।
खुद बालम सरकार हो गए ।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
01-11-23 बुधवार