Pyaaar likhun ya naam likhun,
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
लोगों को ये चाहे उजाला लगता है
कृष्ण में अभिव्यक्ति है शक्ति की भक्ति की
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ
AMC (आर्मी) का PAY PARADE 1972 -2002” {संस्मरण -फौजी दर्शन}
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
भजन -मात भवानी- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
First impression is personality,