यादों में खोया हुआ हुं की तुम कभी ना कभी तो मुझे याद तो करो
परछाइयां भी छोटी हो जाया करती है,
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
स्त्री का तो बस चरित्र ही नहीं
*सबसे महॅंगा इस समय, छपवाने का काम (कुंडलिया)*
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
धार्मिक आडंबर को सार्वजनिक रूप से सहलाना गैर लोकतांत्रिक