लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
वो मानसिक रोगी होता है जो सामान्य रूप से किसी की खुशी में खु
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चुनौती मानकर मैंने गले जिसको लगाया है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*राही धन्य महेश जी, हिंदी के सिरमौर (कुंडलिया)*