"गणेश चतुर्थी की शुभकामना "
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उनको शौक़ बहुत है,अक्सर हीं ले आते हैं
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास ।
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ