मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
अलख क्रांति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
सोशल मीडिया में आधी खबरें झूठी है और अखबार में पूरी !!
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
शहर का मैं हर मिजाज़ जानता हूं....
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
खेजड़ी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया