विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
जानते हो मेरे जीवन की किताब का जैसे प्रथम प्रहर चल रहा हो और
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
*प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)*
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,