साथ है मेरे सफर में, ये काँटें तो अभी तक
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
— नारी न होती तो —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
🥀✍अज्ञानी की 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हिंदी दोहे-प्राण
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
कभी कभी सच्चाई भी भ्रम सी लगती हैं
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
*तानाशाहों को जब देखा, डरते अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका】
सरकार से हिसाब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
चंदन का टीका रेशम का धागा
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
बदलते लोग भी टीचर से कम नहीं हैं,हर मुलाकात में कुछ नया सिखा