मुर्शिद क़दम-क़दम पर नये लोग मुन्तज़िर हैं हमारे मग़र,
*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
तेरी गोरी चमड़ी काली, मेरी काली गोरी है।
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
आप सिर्फ सफलता का मानसिकता रखे बस आप खुद को सफल चित्र में दे
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
यह दुनिया समझती है, मै बहुत गरीब हुँ।
पते की बात - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }