2637.पूर्णिका
2637.पूर्णिका
🌷चमन इतना उदास क्यों हैं 🌷
212 212 122
चमन इतना उदास क्यों हैं ।
बात यूं बकवास क्यों हैं ।।
क्या कहे बेरहम जमाना ।
आज बेहद विश्वास क्यों हैं ।।
हार के बाजियां परेशां ।
जीतने की न आस क्यों हैं ।।
है समझदार बोलते कब ।
फेल भी देख पास क्यों हैं ।।
चोट खेदू यहाँ न रखते।
प्यार के रंग खास क्यों हैं ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
26-10-2023गुरुवार