बुगुन लियोसिचला Bugun leosichla
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
एक पति पत्नी भी बिलकुल बीजेपी और कांग्रेस जैसे होते है
आप ज्यादातर समय जिस विषयवस्तु के बारे में सोच रहे होते है अप
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
"अहम्" से ऊँचा कोई "आसमान" नहीं, किसी की "बुराई" करने जैसा "
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
"मुस्कुराते हुए ही जिऊंगा"
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा