शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
..........अकेला ही.......
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD