कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सारे निशां मिटा देते हैं।
कोई गीता समझता है कोई कुरान पढ़ता है ।
कसौटी से गुजारा जा रहा है
#तेरा इंतज़ार है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
संजय ने धृतराष्ट्र से कहा -
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,