2635.पूर्णिका
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2635.पूर्णिका
🌷 लोग कारण बन जाते हैं 🌷
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लोग कारण बन जाते हैं ।
सच उदाहरण बन जाते हैं ।।
नासमझ भी बनते-बनते ।
यूं निवारण बन जाते हैं ।।
खुदगर्जी का आलम देखो ।
सोच चारण बन जाते हैं ।।
बदल देते फितरत अपनी ।
होश मारण बन जाते हैं ।।
बात दिल की जाने खेदू ।
रोज तारण बन जाते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार