2633.पूर्णिका
2633.पूर्णिका
🌷जो अक्स देखा वही शख्स हो 🌷
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जो अक्स देखा वही शख्स हो।
अरमाँ मेरी वही शख्स हो ।।
दुनिया भी रोज महकेगी।
मंजिल मेरी वही शख्स हो।।
होगी बरसात खुशियों की ।
दिल इन्द्रधनुषी वही शख्स हो ।।
फूलों सा जिंदगी खिलती ।
बगियां मेरी वही शख्स हो।।
साथ निभाते यहाँ खेदू।
फितरत मेरी वही शख्स हो।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
23-10-2023सोमवार