सर्द रातें
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
#विश्व_वृद्धजन_दिवस_पर_आदरांजलि
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"