Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2023 · 1 min read

2629.पूर्णिका

2629.पूर्णिका
🌷 प्यार तूने किया नहीं 🌷
2122 1212
प्यार तूने किया नहीं ।
जान तूने दिया नहीं ।।
जिंदगी भी नयी नयी ।
तू किसी के पिया नहीं ।।
रोज गाते रहा करो ।
कुछ जहाँ से लिया नहीं ।।
जानते ये जहान भी।
कौन मिठ्ठू मियाँ नहीं ।।
सोच खेदू रखे अच्छे ।
फासले दरमियाँ नहीं ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-10-2023शुक्रवार

238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
हम बदल गये
हम बदल गये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*ईर्ष्या भरम *
*ईर्ष्या भरम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यादों के संसार की,
यादों के संसार की,
sushil sarna
" प्रेम का रंग "
Dr. Kishan tandon kranti
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
सत्य कुमार प्रेमी
यार मेरा
यार मेरा
ओसमणी साहू 'ओश'
आशा का दीप
आशा का दीप
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सब तमाशा है ।
सब तमाशा है ।
Neelam Sharma
मेरा कौन यहाँ 🙏
मेरा कौन यहाँ 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इधर एक बीवी कहने से वोट देने को राज़ी नहीं। उधर दो कौड़ी के लो
इधर एक बीवी कहने से वोट देने को राज़ी नहीं। उधर दो कौड़ी के लो
*प्रणय*
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
With every step, you learn, you soar,
With every step, you learn, you soar,
Sakshi Singh
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
शेखर सिंह
3958.💐 *पूर्णिका* 💐
3958.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
Shweta Soni
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
निश्छल प्रेम
निश्छल प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
डर
डर
अखिलेश 'अखिल'
I never force anyone to choose me. If you think you can find
I never force anyone to choose me. If you think you can find
पूर्वार्थ
" रागी "जी
राधेश्याम "रागी"
तू भी इसां कहलाएगा
तू भी इसां कहलाएगा
Dinesh Kumar Gangwar
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
Loading...