* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
हमेशा कोई जगह खाली नहीं रहती,
शीर्षक:-कृपालु सदा पुरुषोत्तम राम।
***************गणेश-वंदन**************
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
बस इतने के लिए समेट रक्खा है
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,