झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
इस दुनिया का प्रत्येक इंसान एक हद तक मतलबी होता है।
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
नफ़रतों का दौर कैसा चल गया
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
-Relationships require effort.
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
सबका अपना दाना - पानी.....!!