देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
जिंदगी की राहों पे अकेले भी चलना होगा
बढ़ती उम्र के कारण मत धकेलो मुझे,
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
डॉ Arun Kumar शास्त्री - एक अबोध बालक