*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"I am slowly learning how to just be in this moment. How to
मधुर स्मृति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
जिंदगी! क्या कहूँ तुझे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
*पहले घायल करता तन को, फिर मरघट ले जाता है (हिंदी गजल)*
चाहत थी कभी आसमान छूने की
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
करके याद तुझे बना रहा हूँ अपने मिजाज को.....