2617.पूर्णिका
2617.पूर्णिका
🌷आज किसी से कोई मतलब नहीं🌷
22 22 22 2212
आज किसी से कोई मतलब नहीं।
दुनिया व्यस्त है कोई मतलब नहीं।।
अंदर बाहर होते रहते जहाँ ।
मरते जीते कोई मतलब नहीं ।।
फूल खिले चमन खिले हम देखते।
बगियां महके कोई मतलब नहीं ।।
बस प्यारे गाते गाना रातदिन ।
दिल दीवाना कोई मतलब नहीं।।
केवल अपना ही खेदू जानते।
मनमानी से कोई मतलब नहीं।।
……✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
16-10-2023सोमवार