दल-बदलू "नेता" ही नहीं, "मतदाता" भी होते हैं। अंतर बस इतना ह
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
मुझको आँखों में बसाने वाले
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
तेरी आंखों की बेदर्दी यूं मंजूर नहीं..!
*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
ट्रेन का रोमांचित सफर........एक पहली यात्रा