मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*रंगीला रे रंगीला (Song)*
हमने माना कि हालात ठीक नहीं हैं
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
I Have No Desire To Be Found At Any Cost