*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
अब गांव के घर भी बदल रहे है
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '