कभी कभी छोटी सी बात हालात मुश्किल लगती है.....
*वर्षा आई ऑंधी आई (बाल कविता)*
पराया तो पराया ही होता है,
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
The enchanting whistle of the train.
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
दोहे- चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)