*रामपुर रजा लाइब्रेरी में सुरेंद्र मोहन मिश्र पुरातात्विक संग्रह : एक अवलोकन*
हमने माना कि हालात ठीक नहीं हैं
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें,
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
यूं कौन जानता है यहां हमें,
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |