एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
दिया ज्ञान का भंडार हमको,
बरखा रानी तू कयामत है ...
Hallucination Of This Night
पूरी ज़वानी संघर्षों में ही गुजार दी मैंने,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।