******प्यारी मुलाक़ात*****
अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"एक पैगाम देश की मिट्टी के नाम"
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
चंद्रयान ने चांद से पूछा, चेहरे पर ये धब्बे क्यों।
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
दे दो हमें मोदी जी(ओपीएस)
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
I want to tell them, they exist!!
आदमी बेकार होता जा रहा है