2610.पूर्णिका
2610.पूर्णिका
🌷सब्र का बांध फूटे ना 🌷
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सब्र का बांध फूटे ना।
बंधन नेक टूटे ना।।
हरपल जिंदगी महके।
अपना साथ छूटे ना।
बहती प्यार से गंगा।
बनते यार भूटे ना।।
जीकर देखते कोई।
रखते द्वार खूंटे ना ।।
जीवन पार है खेदू।
जिंदा रोज कूटे ना।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-10-2023गुरू वार