****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
*बगिया जोखीराम में श्री राम सत्संग भवन का निर्माण : श्री राजेंद्र जायसवाल जी का
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*** होली को होली रहने दो ***
नये सफर में गये हो जब से बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)