भगिनि निवेदिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपने आत्मविश्वास को इतना बढ़ा लो...
Sometimes you have alot going inside you but you cannot expr
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
The Enchanting Whistle Of The Train.
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
Oh life ,do you take account!
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!