मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
ग़ज़ल _ मुझे भी दे दो , गुलाब जामुन ,
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
ज़िंदगी से जितना हम डरते हैं,
"कामदा: जीवन की धारा" _____________.
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
सब कुछ हार जाओ आप इस जिंदगी में।
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
ग़म से भरी इस दुनियां में, तू ही अकेला ग़म में नहीं,
दिल की बगिया में मेरे फूल नहीं खिल पाए।