रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
everyone run , live and associate life with perception that
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गद्य के संदर्भ में क्या छिपा है
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
दोस्ती की कीमत - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी हमेशा एक सी नहीं होती......
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।