अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ
मतलबी लोग मतलबी दुनिया। तुझसे उम्मीद इतनी थी दुनिया। पास ज़र हो तो सारे अपने हैं। वरना लगती है अजनबी दुनिया। सबके रंजो आलम की बाइस है। किसको देती है यह खुशी दुनिया
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
नवगीत : हर बरस आता रहा मौसम का मधुमास
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
मौन की भाषा सिखा दो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मूर्ख व्यक्ति से ज्यादा, ज्ञानी धूर्त घातक होते हैं।
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
*धोखा नहीं दिया है (गीत)*
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बातों की कोई उम्र नहीं होती