उम्र न जाने किन गलियों से गुजरी कुछ ख़्वाब मुकम्मल हुए कुछ उन
रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें...
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
करके ये वादे मुकर जायेंगे
National Energy Conservation Day
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
■ रोने से क्या होने वाला...?
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।