तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
कोई शराब पी रहा है तो इसका भी एक कारण है कोई अनवरत अध्ययन कर
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
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सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )