सारे गिले-शिकवे भुलाकर...
हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
*जीवन का सार यही जानो, सच्चाई जीवन में घोलो (राधेश्यामी छंद
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
बहुत से लोग आएंगे तेरी महफ़िल में पर "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
कई वर्षों से ठीक से होली अब तक खेला नहीं हूं मैं /लवकुश यादव "अज़ल"
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है