दो भावनाओं में साथ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बुंदेली दोहे- खांगे (विकलांग)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सावन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बेटियां अमृत की बूंद..........
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
ख़ामोशी को कभी कमजोरी ना समझना, ये तो तूफ़ान लाती है।।