2593.पूर्णिका
2593.पूर्णिका
🌷दिल मेरा तूने क्यों तोड़ा 🌷
22 22 22 22
दिल मेरा तूने क्यों तोड़ा ।
लाकर भंवर में क्यों छोड़ा ।।
साथ निभाते आते जाते ।
अपना मुंह यहाँ क्यों मोड़ा ।।
जान गया मान गया सच भी ।
यूं लोग लगाये क्यों कोड़ा ।।
आज जमाना गाते गाना।
किसने किसके सिर क्यों फोड़ा ।।
अपनी दुनिया प्यारी खेदू ।
फिर हमसे नाता क्यों जोड़ा ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-10-2023बुधवार