कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सत्संग की ओर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
*जाने-अनजाने हुआ, जिसके प्रति अपराध (कुंडलिया)*
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
*" पितृ पक्ष एवं श्राद्ध कर्म"*
लोकतांत्रिक मूल्य एवं संवैधानिक अधिकार
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
साधा तीखी नजरों का निशाना
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम