कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
23/211. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
శ్రీ గాయత్రి నమోస్తుతే..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
बिल्कुल, बच्चों के सम्मान और आत्मविश्वास का ध्यान रखना बहुत
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
******छोटी चिड़ियाँ*******
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..