तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
प्रेम और भय क्या है दोनों में क्या अंतर है। रविकेश झा
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
आओ प्यारे कान्हा हिल मिल सब खेलें होली,
तुमको अच्छा तो मुझको इतना बुरा बताते हैं,
जलियांवाला बाग काण्ड शहीदों को श्रद्धांजलि
Udaan Fellow Initiative for employment of rural women - Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
मुझे दर्द सहने की आदत हुई है।
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'