बे फिकर होके मैं सो तो जाऊं
दुश्मनों की कमी नहीं जिंदगी में ...
खुश रहने से और नेकियाँ करने से बड़ी उम्र भी छोटी लगती है ,
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
" हम तो हारे बैठे हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
महालय।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*अफसर की बाधा दूर हो गई (लघु कथा)*
इस जीवन में हम कितनों को समझ गए,