बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
कुछ लोग ऐसे भी मिले जिंदगी में
मुकाम तक जाती हुईं कुछ ख्वाइशें
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
लाख कहते रहो बुरा हूँ मैं
नहीं मिलना हो जो..नहीं मिलता
बहू बेटी है , बेटी नहीं पराई
चांद दिलकश चेहरा छुपाने लगा है