शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,