मुस्कुराते हुए सब बता दो।
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
मुसाफिर हैं जहां में तो चलो इक काम करते हैं
जिंदगी के लिए वो क़िरदार हैं हम,
ख़ुशबू आ रही है मेरे हाथों से
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जी लगाकर ही सदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'