वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
वरद् हस्त
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
आसमां से गिरते सितारे का एक लम्हा मैंने भी चुराया है।
"दिल का हाल सुने दिल वाला"
भगवान् बुद्ध वेद विरोधी तथा नास्तिक नहीं थे (Lord Buddha was not anti-Veda or an Atheist)
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
------------------ समझौता -------------------
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,