प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
रात ॲंधेरी सावन बरसे नहीं परत है चैन।
मिलोगे जब हमें प्रीतम मुलाकातें वही होगी
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं
क्या खूब वो दिन और रातें थी,
आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार