2577.पूर्णिका
2577.पूर्णिका
🌷⚘पास आकर दूर जाना नहीं 🌷⚘
2122 2122 12
पास आकर दूर जाना नहीं।
आज यूं मजबूर माना नहीं ।।
खूबसूरत जिंदगी है यहाँ ।
मौत भी मगरूर माना नहीं ।।
चाहते हरदम खुशी बस मिले ।
देख कौन गरूर माना नहीं ।।
बरसते बादल कभी हर जगह ।
रोज गैरजरूर माना नहीं ।।
थाम दामन नेक खेदू बने।
सोच सजन कसूर माना नहीं ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
8-10-2123रविवार